वैष्णवों के भरत..
रामायण के पात्रों में भरत सर्वोत्तम हैं। रामायण का अति सुन्दर खण्ड 'चित्रकूट में राम भरत मिलाप' है। यह एक बड़ी महत्वपूर्ण घटना है। दुनिया में चाहे कितना ही पाप चलता हो, एकाध ऐसे होते हैं, जिनसे धर्म की रक्षा होती रहती है। लोभ, छल, कपट आदि से पूरित इस दुनिया में कुछ आदमी ऐसे भी होते हैं, जिनसे संसार में परस्पर विश्वास, धैर्य और प्रेम का स्त्रोत भी प्रवाहित होता है, जिनसे लोगों को धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती रहती है। धर्म आखिर कभी नहीं मिट सकता।
रामायण की कथा में भरत का चरित्र ही हमारे उद्धार के लिए पर्याप्त है। लोग रामावतार की वास्तविकता पर विश्वास करें या न करें, भले श्री राम के चरित को ऋषि की कल्पना समझते रहें पर रामायण के सृष्टिकर्ता महर्षि वाल्मीकि सदैव पूजनीय हैं इसमें कोई सन्देह नहीं। भरत जैसे पात्र की सृष्टि करने के लिए कितना ज्ञान, कितनी भक्ति और कितना वैराग्य चाहिए। हमें भरत चरित्र को पढ़कर इतना जो आनंद होता है, उसका यही कारण हो सकता है कि हम सब के अंतः करणों में ज्ञान और भक्ति का भाव किसी कोने में अवश्य है, यद्यपि हमें उसका पता नहीं-- अन्यथा हम पशुओं से भिन्न न होते। शरीर बल में हमसे भी कहीं अधिक बली पशुओं के शिकार होकर हम सब कभी के मिट गए होते।
सन्दर्भ:
रामायण की कथा में भरत का चरित्र ही हमारे उद्धार के लिए पर्याप्त है। लोग रामावतार की वास्तविकता पर विश्वास करें या न करें, भले श्री राम के चरित को ऋषि की कल्पना समझते रहें पर रामायण के सृष्टिकर्ता महर्षि वाल्मीकि सदैव पूजनीय हैं इसमें कोई सन्देह नहीं। भरत जैसे पात्र की सृष्टि करने के लिए कितना ज्ञान, कितनी भक्ति और कितना वैराग्य चाहिए। हमें भरत चरित्र को पढ़कर इतना जो आनंद होता है, उसका यही कारण हो सकता है कि हम सब के अंतः करणों में ज्ञान और भक्ति का भाव किसी कोने में अवश्य है, यद्यपि हमें उसका पता नहीं-- अन्यथा हम पशुओं से भिन्न न होते। शरीर बल में हमसे भी कहीं अधिक बली पशुओं के शिकार होकर हम सब कभी के मिट गए होते।
सन्दर्भ:
'दशरथनन्दन श्रीराम'
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
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